समीरा की चिंतासमीरा जैसे ही घर पहुंची, उसे अंदर से अजीब-सी बेचैनी महसूस हुई। घर का माहौल गंभीर लग रहा था। उसने देखा कि उसकी माँ राधा और पिता अजय जल्दी-जल्दी में कुछ सामान समेट रहे थे, जैसे कहीं जाने की जल्दी हो। उनके चेहरे पर तनाव और घबराहट साफ झलक रही थी। समीरा का दिल जोर से धड़कने लगा।"क्या हुआ, माँ? आप दोनों इतनी जल्दी में कहाँ जा रहे हैं?" समीरा ने घबराई हुई आवाज़ में पूछा।राधा ने एक पल के लिए नजरें झुका लीं, फिर बोलीं, "बेटा, हमें अभी अस्पताल जाना है... वहाँ से फोन आया था कि