तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 28

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कॉलेज के रास्ते की उलझनेंबैग को कंधे पर टांगते हुए वह दरवाजे की ओर बढ़ी और तभी उसने देखा कि उसकी स्कुटी कि चाबी अपनी जगह पर थी वो खुश हो गई |अरे मेरी स्कुटी ठीक हो गई, " समीरा ने बेहद खुश होते हुए कहा | अपनी स्कूटी की चाबी उठाई। बाहर हल्की ठंडी हवा बह रही थी। जैसे ही उसने स्कूटी स्टार्ट की, उसे फिर से वही अहसास हुआ—रात की सड़क, हवा की ठंडक, और दानिश का साथ।"नहीं! अब इसे सोचने का कोई फायदा नहीं।"उसने खुद को झिड़कते हुए स्कूटी आगे बढ़ाई।रास्ते में उसकी नजर उस जगह पड़ी जहाँ