यशस्विनी - 4

  • 273
  • 90

     पिछले दिनों योग के एक सत्र की तैयारी के संबंध में एक फाइल देते समय जब रोहन का हाथ अनायास यशस्विनी के हाथों से हल्के से टकराया तो रोहन इस तरह झटक कर दूर हट गए जैसे उन्हें कोई हजार वाट का करंट लगा हो।दो मिनट तक उनके मुंह से क्षमा....सॉरी सॉरी....क्षमा..…सॉरी निकलता रहा।इस घटना का स्मरण कर यशस्विनी मुस्कुरा उठी।वह सोचने लगी कि रोहित जी आवश्यकता से अधिक संवेदनशील हैं। वैसे यह उनका स्वभाव ही है और ऐसे लोग बड़े ही साफ दिलवाले होते हैं।अपने हृदय के एक कोने में उसने रोहित के प्रति एक अलग तरह