गाँव सजनपुर, जहाँ हर कोई एक-दूसरे को जानता था, एक ऐसा स्थान था जहाँ गलती की गूँज, सच्चाई से ज़्यादा तेज़ सुनाई देती थी। वहाँ की गलियाँ, वहाँ के लोग, सब जैसे एक परिवार का हिस्सा थे। लेकिन एक दिन, कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरे गाँव में हंगामा मच गया — एक ऐसी बात जो किसी की गलती नहीं थी, फिर भी किसी का जीवन बदलने को थी।रामकिशोर, गाँव का स्कूल मास्टर, अनुशासनप्रिय और शांत स्वभाव का व्यक्ति था। पिछले बीस वर्षों से वह गाँव के बच्चों को पढ़ाता आ रहा था। न कोई शिकायत, न कोई बदनाम कहानी —