स्वर्गीय विद्रोह: - विराज लोक का उदयआर्यन का अंत अमरपुरी के लिए एक क्षणिक विजय थी, पर नियति ने कुछ और ही तय कर रखा था. जिस आत्मा को उन्होंने कुचलने का प्रयास किया, उसी ने एक नए लोक में पुनर्जन्म लिया. यह लोक, जिसे विराज लोक कहते हैं, अमरपुरी से कोसों दूर था. यहाँ कोई दिव्य महल नहीं थे, न ही चमकीले उद्यान; यहाँ की धरती कठोर थी, लोग संघर्ष से जन्मे थे, और शक्ति ही जीवन का आधार थी.आर्यन ने एक साधारण परिवार में जन्म लिया और उसे अग्निवंश नाम मिला. उसका बचपन कभी सामान्य नहीं रहा. जब