टाम ज़िंदा है।---------------(7)दो दिन बाद भी त्रिपाठी के बेटे को कोई होश नहीं था, हाँ वो कोई बेहोश भी नहीं था.. उसके नन्हें नन्हें हाथों ने सिर को पकड़ा हुआ था। त्रिपाठी पता नहीं उसको कैसे देख रहा था... अन्दर से टुटा हुआ बाप और माँ का हाल ऐसा था... कि पूछो मत.. वो बस रोये जा रही थी।घर पर पड़ोसी आ चुके थे कुछ स्टॉफ मेंबर भी... और कमीशनर भी।भवानी सिंह के साथ त्रिपाठी दोनों गए थे बेटे को साथ लेकर नीरो सर्जन को दिखाने... उसकी रिपोर्ट मे MR करने के बाद हैरत अंगेज बात आयी थी।दिमाग़ के बड़े