जलन को छोड़ दो जलन को छोड़ दो खुद की मस्ती में जीओ l खुशियाँ बांटो और खुशियों के जाम पीओ ll यहाँ कौन से हमेशा के लिए आए हैं तो सुनो l शान से जिन्दगी जीयो किसीसे भी ना बीओ ll सुख और दुख का विषचक्र है जिन्दगी तो l दर्द का दामन प्यार के तबस्सुम से सीओ ll कल किसने देखा है नादान भोले सनम l जो भी करना चाहो बस आज़ ही कीओ ll जहाँ में दिल फेंक होते है इश्क़ वाले कि l मुकम्मल सोच समझकर दिल को दीओ ll १६-५-२०२५