सोफी का संसार - भाग 4

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प्राकृतिक दार्शनिकशून्य से केवल शून्य ही प्रकट हो सकता है...जब दोपहर बाद माँ काम से घर लौटी तो सोफी ग्लाइडर में बैठी विचार कर रही थी कि दर्शनशास्त्र के कोर्स तथा हिल्डे मोलर नैग, जिसे अपने पिता से जन्मदिन शुभ कामना सन्देश प्राप्त नहीं होगा, के बीच सम्भावित सम्बन्ध क्या हो सकता है।    माँ ने बाग के दूसरे छोर से पुकारा, 'सोफी! तुम्हारे लिए एक पत्र है।'    यह सुनकर उसकी साँस ऐसी रुकी कि रुकी ही रह गई। वह तो पहले ही मेल-बॉक्स खाली कर चुकी थी, इसलिए यह पत्र दार्शनिक का ही होना चाहिए। हाय, अब वह