(5) यशस्विनी पढ़ने - लिखने में तेज थी। अनाथालय में रहने के दौरान वह अनाथालय की व्यवस्था के कार्य में अपनी ओर से पूरा सहयोग देती थी। रसोई में काम करना उसे पसंद था। अनाथालय के बच्चों के लिए भोजन बनाने के काम में वह आटा गूंधने से लेकर सब्जियां काटने के काम में स्वेच्छा से मदद किया करती थी। शाम को स्पेशल क्लास लगती थी, जिसमें वहां रहने वाले बच्चे यशस्विनी से अपने होमवर्क में आने वाली कठिनाइयों को पूछ कर दूर किया करते थे लेकिन इसके