Eclipsed Love - 5

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आशीर्वाद अनाथालय, देहरादून। लोग सही कहते हैं, अक्सर ज्यादा खुशियों को कभी-कभी अपनी ही नजर लग जाती है। सुबह सुबह कितने उत्साह और प्यार से सब लोग इक्कठा होकर पावनी का 17वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे थे । कितने खुश थे सब लेकिन किसे पता था ये खुशियां बस चंद लम्हों की मोहताज थी। अचानक जब शांति जी बेहोश होकर गिर गई  तो रमा जी -” शांति जी।” कहकर चिल्लाते हुए उन्हें संभालने के लिए आगे आ गई थी। इसवक्त अचानक से रमा जी की चीख सुनकर वहांपर मौजूद सभी घबरा गए थे,  और पावनी ने हड़बड़ाते हुए कहा-” माँ ।” और तेजी