️ एपिसोड 1: वारिस का पतनसुबह के सात बजे थे। सूरज की किरणें महलनुमा हवेली की खिड़कियों से छनकर सोने के झूमरों पर पड़ रही थीं। हवेली के हर कोने में ऐशोआराम की महक थी — इटली से मंगाई गई टाइल्स, दीवारों पर करोड़ों के पेंटिंग्स, और लॉन में खड़ी वो लाल रंग की फेरारी, जो पूरे शहर की पहचान थी।आर्यवीर सिंह, उर्फ़ "प्रिंस", इसी हवेली का वारिस था।ऊँचा कद, संवरते बाल, आंखों में ग़ुरूर और चाल में ऐसा ठाठ — जैसे ज़िंदगी खुद उसके कदमों में बिछी हो। कॉलेज में उसका नाम ही काफी था, लड़कियाँ उसके पीछे दीवानी