अध्याय 2 स्मृति (3) यशस्विनी आज शाम को ऑफिस से जब घर पहुंची तो किसी भी काम में उसका मन नहीं लग रहा था। घर लौटने के बाद एक कप चाय पीते हुए वह अखबारों में दिनभर की खबरों पर एक दृष्टि डालती है। यूं तो वह सुबह भी अखबार पढ़ लेती है लेकिन सरसरी तौर पर अभी वाले अखबार - पढ़ाई के समय में वह कुछ विशेष खबरों पर ध्यान केंद्रित करती है और उसे रुचिपूर्वक पढ़ती है। घर में नौकर चाकर से लेकर रसोईया तक सभी तैनात हैं लेकिन वह घर का सारा