माँ - एक जीवन गाथा

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माँ की ममता, माँ की पूजा, माँ ही जीवन सार है, उसके आँचल में ही बसी, सृष्टि की हर धार है। जब शब्द गुम हो जाते हैं, भाव जब मौन बुनते हैं, तब कलम उठती है मेरी, माँ के चरण छू लिपटते हैं। इस कविता को लिखने का उद्देश्य केवल माँ की महिमा का गान करना नहीं था, बल्कि उन अनकहे पलों को शब्द देना था, जो माँ हर दिन अपनी मुस्कान के पीछे छुपा लेती है। “माँ: एक जीवन गाथा” एक मार्मिक कविता है, जो मातृत्व के असीम त्याग, ममता और प्रेम को सजीवता से प्रस्तुत करती है। यह