प्रदक्षिणा या परिक्रमा देवता की देवमन्दिर की यशस्वरूप भगवान् की उनके मण्डप की ग्राम की नगर की पवित्र क्षेत्रों की तीर्थ स्थानों की क्या समस्त भूमण्डल की भी लोक में वेदशास्त्र में प्रचलित है । प्रदक्षिणा पूज्य माता पिता की पूज्य देवी देवताओं की उनके स्वरूप विशेष या आकार के परिमाण पर निर्भर है , ओर पर्वत मंदिर नदी की परिक्रमा जो कुछ क्षणों में घड़ी दो घड़ी में दिनों में महीनों में तथा वर्षों में भी पूर्ण की जाती है । यह बात संख्या पर भी अवलम्बित है । ' शिवस्यार्धं प्रदक्षिणा ' शिवमन्दिर में शिव की आधी किसी की तीन पाँच