मां और मैं

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राजस्थान के एक छोटे से गाँव ‘खेतसर’ में, मिट्टी की खुशबू और सूखे की मार के बीच, एक औरत रहती थी – सरोज देवी। सरोज 35 साल की एक विधवा थी, जिसकी जिंदगी उसके खेत और उसकी 10 साल की बेटी गुड़िया के इर्द-गिर्द सिमटी थी। सरोज का पति, विक्रम, एक ईमानदार किसान था, जिसने सूखे से जूझते हुए कर्ज़ में डूबकर आत्महत्या कर ली थी। उसकी मौत के बाद सरोज टूट गई, लेकिन गुड़िया के लिए जीने लगी।गाँव वाले सरोज का बहुत सम्मान करते थे, लेकिन उसकी गरीबी और मजबूरी का कई लोग फायदा उठाना चाहते थे – खासकर