दानव द रिस्की लव - 62

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अघोरी बाबा से मुलाक़ात...अब आगे..............विवेक के इस तरह दुःखी होने से कंचन उसे समझाती है..."विवेक क्यूं न हम थोड़ी देर यहां वैट कर ले क्या पता अघोरी बाबा कही गये हो...."विवेक : लेकिन कहां होंगे वो...?काफी देर इंतजार करने के बाद जब कोई नहीं आता तब विवेक वापस मंदिर के पास जाता है...हितेन : विवेक चल अब ...शाम हो चुकी कोई नहीं है यहां पर...लेकिन हितेन की बात पर विवेक कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाता बस मंदिर में जाकर बिना कुछ सोचे समझे उस बड़े से घंटे को बजा देता है..... मंदिर सुनसान होने की वजह से घंटे की आवाज पूरे