"हम्म... तुम्हारी बात में दम है। फ़िलहाल उसे रहने दो।" मेघा सूर्यवंशी ने चिन्मयी की बात में तर्क देखकर हार मान ली। वो लीलाधर की ओर मुड़ी। "काका, क्या आपने उसके लिए बीमा कराया है? अगर उसे कुछ हो गया तो…?""बीमा...?" लीलाधर फिर से पसीने-पसीने हो गए। चेयरमैन ने जिसे चुना हो, वो इतनी आसानी से चोट नहीं खा सकता था, लेकिन उन्होंने फिर भी जवाब दिया, "चिंता मत कीजिए, उसका बीमा हो चुका है…"तब तक अर्जुन कार के दरवाज़े तक पहुँच चुका था। वह फिर से सामने वाली सीट पर बैठते हुए मेघा की ओर मुड़ा। "तो फिर? क्या