पार्किंग एरिया महंगी और लग्ज़री कारों से भरा हुआ था, और उनमें भी तरह-तरह के मॉडल्स की कोई कमी नहीं थी।यह साफ़ दिखाई देता था कि शुर्वंधी इंडस्ट्रीज़ के कर्मचारी बहुत ऊँची सैलरी पाते थे। इसी के मद्देनज़र, अर्जुन की तीस हज़ार रुपये की मासिक तनख्वाह अब उतनी बड़ी नहीं लग रही थी।लीलाधर के साथ चलते हुए अर्जुन एक गहरे नीले रंग की 2006 मॉडल बेंटली 728 के पास पहुँचा। कार इतनी साफ़-सुथरी और चमकदार थी कि अर्जुन यह नहीं तय कर सका कि यह हाल ही में खरीदी गई थी या फिर इसकी देखभाल बहुत अच्छे से की गई