दक्ष का शरीर बहुत ही कमजोर हो गया था वह अपनी मां की मदद करना भी चाहता था लेकिन चाह कर भी नहीं कर सकता था तभी पन्ना भानुमति से कहती है कि "आप लोग यहां पर मेरी झोपड़ी में कैसे रहोगे???आप यहां पर कैसे रहोगी महारानी यहां पर तो कोई भी सुख सुविधा नहीं है"भानुमति पन्ना से कहती है कि" अभी तो हम यहां पर आए हैं और चिंता मत करोएक-एक करके हम सब चीज ठीक कर लेंगे"और भानुमति मुस्कुरा देती है भानुमति की बात सुनकर पन्ना वहां से उठकर जाते हुए कहती है कि"ठीक है मैं मदद के