लघु उपन्यास यशस्विनी(देह से आत्मा तक) : अध्याय1 दंश और पीड़ा (1) यशस्विनी 21वीं सदी में महिलाओं की बदलती भूमिकाविषय पर एक आलेख लेखन में व्यस्त है।अपने लैपटॉप पर हेडफोन से वॉइस टाइपिंग करने केसमय वह कई बार भावनाओं में डूबती- उतरती रही। उसने यह महसूस किया कि 21वीं सदी मेंमहिलाएं अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाने को तैयार हैं और जीवन का ऐसा कौन सा क्षेत्रहै, जहां उन्होंने अपनी पहचान स्थापित नहीं की है, अपनी योग्यता सिद्ध नहीं की है,वहींमहिलाओं के विरुद्ध देश में ज्यादती