तू ही मेरी आशिकी - 2

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रात के ढाई बज रहे थे, और सड़क पर अंधेरा छाया हुआ था। हवा में सर्दी थी, लेकिन मारिया की आँखों में एक अजीब सी निडरता थी। एक तरफ, उसे डर भी लग रहा था, क्योंकि वह अकेली थी और यह सुनसान जगह थी, लेकिन दूसरी तरफ वह आत्मविश्वास से भरी हुई थी। उसकी आँखों में कोई संकोच नहीं था, बस एक बेबाकी थी, जैसे किसी भी मुश्किल का सामना करने के लिए वह तैयार हो।इतना ही नहीं, कुछ दूर से एक काले रंग की ऑडी तेजी से आती हुई दिखी। मारिया का ध्यान उस कार पर गया, और वह