अघोरी बाबा के पास चलो अब आगे................अघोरी बाबा का नाम सुनकर सब सवालिया नज़रों से विवेक को देखते हैं.....हितेन : विवेक अब तू उलझन में मत डाल साफ साफ बता कौन है ये अघोरी बाबा...?...किसकी बात कर रहा है तू...विवेक : बताता हूं....एक बार जब मैं और अदिति रोज वैली आये थे....याद है...तीनों एक दूसरे को देखते हैं.... तभी कंचन कहती हैं..." हां मुझे याद है जब तुमने कहा था मुझे अदिति के साथ कुछ टाइम स्पेंड करना है तो तुम काॅलेज से चले गए थे..."विवेक : हां कंचन....मैं और अदिति यहां आये थे कुछ टाइम रिलेक्स के लिए... लेकिन हमारी