अब आगे.............तक्ष की इस बात से विवेक के चेहरे पर चिंता की लकीरें जा जाती है.... लेकिन फिर भी अपने को सामान्य करते हुए सीधा अदिति के पास जाता है......विवेक : अदिति रुको.....अदिति विवेक की बात को अनसुना करती हुई कहती हैं..."भाई कहां रह गये आप जल्दी आओ नीचे..."विवेक : अदिति मेरी बात सुनो.....वो सब मैंने जानबूझकर नहीं किया है...अदिति : विवेक प्लीज़ मुझे कुछ नहीं सुनना....विवेक : तुम ऐसे बिना सच्चाई जाने नहीं जा सकती....अदिति : हां तो क्या है सच्चाई...?... तुमने अभी तक तो मुझे कुछ नहीं बताया विवेक....ये फोटोस क्यूं बता रही हैं.... मुझे समझ जाना चाहिए