: रात के ठीक बारह बजे थे। नासिक के पास एक छोटे से गाँव, त्रिंबक, में भयंकर आंधी चल रही थी। बिजली कड़क रही थी और हवाएं जैसे किसी प्राचीन रहस्य को बाहर लाने पर तुली थीं। गांव का हर आदमी अपने घर में दुबका बैठा था, सिवाय एक के—वेदांत के।वेदांत एक युवा इतिहासकार था जो भारत के रहस्यमयी स्थानों पर शोध करता था। इस बार वह त्रिंबक आया था, एक पुरानी कथा के पीछे—"यमलोक का दरवाज़ा"। कहा जाता है कि त्रिंबक पर्वत के नीचे एक गुफा है, जो हर हज़ारवें साल में सिर्फ एक रात के लिए खुलती है। लोग