प्यार, एक चार अक्षर से बनी शब्द। लेकिन ये छोटी सी शब्द समुद्र से ज्यादा गहराई और कभी न रुकने वाली लहरों की तरह है। इस विश्व में हर किसी को प्यार होता है, लेकिन सच्चा प्यार नहीं। अक्सर लोग कशिश को ही प्यार समझ बैठते हैं। जबकि कशिश प्यार की पहली सीढ़ी है, लेकिन हर बार वो प्यार में ही खत्म होती है या नहीं, ये एक अलग बात है। उस कशिश को पूरी तरह से समझने पर ही प्यार मिलता है। प्यार का अहसास हर किसी को पता है, लेकिन क्या हर किसी को अपना प्यार मिलता है?