आगे पढ़ेंसुबह चाय की आवाज सुनकर उसकी नींद टूटी थी।उसने मोबाइल में समय देखा।छ बजे थे ट्रेन माधोपुर पर खड़ी थी।उसने वेटर को आवाज दी,"चायवह चाय की ट्रे रख गया था।अरुण वाशरूम गया।फ्रेश होकर अपनी सीट पर आ बैठा।वह कप में चाय डाल ही रहा था कि फोन की घण्टी बजी।उसने फोन उठाया अरुणा का था"क्या कर रहे हो।"फोन को कान से लगाते ही अरुणा की मधुर आवाज सुनाई पड़ी थी।"चाय पी रहा हूँ,"अरुण बोला,"तुंमने पी।""बनाउंगी तब पिऊंगी,"अरुणा बोली,"और दिन तो सुबह की पहली चाय तुम बनाते थे।अब तो मुझे खुद बनानी होगी।""यह तो है।"अरुण बोला,"बना लो।"""घर कब पहुंचोगे?"अरुणा ने