बाएँ हाथ का प्यार: राजा की सच्ची कहानी

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बाएँ हाथ का प्यार: राजा की सच्ची कहानी"मैं सिर्फ़ 12 साल का था, जब मैंने वो एहसास पहली बार महसूस किया — एक हल्की सी कंपन, एक अनजाना सा जुड़ाव, और वो पहली बार का प्यार।मैं सातवीं कक्षा में था, और वो दसवीं में — मुझसे तीन साल बड़ी। उसका नाम था राजनी, और मेरा राजा। हम दोनों बाएँ हाथ से लिखते थे — शायद यही छोटी सी बात हमें जोड़ गई। ऐसा लगा जैसे किस्मत ने हमें एक ही रंग से बनाया हो।हम ट्यूशन पढ़ने साथ जाते और लौटते थे। उन्हीं रास्तों में एक रिश्ता बनता गया। मेरे लिए