1. बचपन से देशभक्ति की भावनाराजस्थान के एक छोटे से गांव "खेजड़ला" में जन्मे अर्जुन राठौड़ बचपन से ही अलग थे। जब बच्चे खिलौनों से खेलते थे, अर्जुन लकड़ी की तलवार बनाकर “भारत माता की जय” चिल्लाया करते। उनके पिता भी भारतीय सेना में सूबेदार रह चुके थे और उन्होंने अर्जुन को अनुशासन और देशभक्ति का पाठ बचपन में ही सिखा दिया था।स्कूल में जब शिक्षक देशभक्ति की बातें करते, तो अर्जुन की आंखें चमक उठतीं। उनका सपना था – “एक दिन मैं फौजी बनकर देश की सेवा करूंगा।” गांव के लोग कहते, "अर्जुन, तू तो वाकई फौज में जाएगा"