मेरा रक्षक - भाग 23

रणविजय घुटनों के बल बैठा था। सिर झुका हुआ, आंखों से बहते आंसू ज़मीन को भिगो रहे थे। उसके सामने शिवा खड़ा था, मासूमियत से रणविजय के सिर पर हाथ फेरते हुए बोला,“आप इतने बड़े होकर रो रहे हो? आप तो माफिया हो न? मैंने मूवी में देखा है माफिया बहुत खतरनाक होते हैं, लेकिन आप तो ख़तरनाक नहीं हो। आप तो बहुत अच्छे हो। प्लीज़ मत रोइए।”रणविजय कुछ नहीं बोला, बस चुपचाप उसकी बात सुनता रहा।शिवा ने फिर मासूमियत से पूछा, “आपको किसी ने hurt किया है क्या? जो आप ऐसे रो रहे हो?”रणविजय की आंखें नम थीं, पर