भावों का समंदर - पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा  भावों का समंदर**********     युवा कवियित्री अमिता गुप्ता 'नव्या' का एकल काव्य संग्रह 'भावों का समंदर' एक सुखद अनुभूति कराने  जैसा है। लेखिका की कलम से....'नव्या' अपनी लेखन यात्रा के बारे में बताती हैं कि "भावों की सरिता कब अभिव्यक्ति का माध्यम बन जाए, हमें भी पता नहीं होता।" विद्यालय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में भाग लेने में रुचि, मातृभाषा हिंदी से जुड़ाव और अभिव्यक्ति की रुचि उन्हें प्रिय, सरल और सहज लगती थी।लेखिका के विचारों /भावों में आत्मीयता का संवेग प्रवाहमयी प्रतीत होता है। संग्रह को बाबा जी स्व. भगौती प्रसाद गुप्ता को समर्पित कर उनकी स्मृतियों