सबका दोस्त रंजन

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पाँचवीं कक्षा में पढ़ने वाला रंजन सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि व्यवहार में भी अव्वल था। कोई झगड़ा हो या किसी को मदद की ज़रूरत — रंजन हर जगह मौजूद रहता। वह सबका दोस्त था, लेकिन यही उसकी सबसे बड़ी परेशानी बनने वाली थीl रंजन के तीन खास दोस्त थे: अनिकेत (खेलों में उस्ताद), स्नेहा (कक्षा की टॉपर), और विनय (शांत लेकिन भावुक)। सब चाहते थे कि रंजन सिर्फ उसी के साथ समय बिताए। एक दिन खेल के मैदान में, अनिकेत ने कहा, "रंजन, आज तू सिर्फ मेरे साथ खेलेगा। किसी और से बात भी नहीं करेगा।" स्नेहा बोली,