सर्वथा मौलिक चिंतन - भाग 5

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भाग 5   निम्न विचार जे कृष्णमूर्ति द्वारा दिए गये हैं । हमारे चारों ओर संसार मे दुख और अशांति है ।   सब ओर दुख अशांति असंतोष है, कहीं आनंद नहीं है । हम असत्य मे जीते हें, सत्य की उपेक्षा करते हैं। मानसिक पृलाप की कल्पनाऐं कर उनमें जीना चाहते हैं । सत्य की  सरलता से बचते हैं । काल्पनिक क्षणिक रंगीनियां लिऐ क्षणिक सुखो के पीछे भागते हैं । सचाई, सरलता मे ही असली सुख है, हमारे दिमाग को नही सुहाता । काल्पनिक असत्य सुखों की दोड़ ही दुख का कारण है । जिसे हम सुख समझते