मेरा रक्षक - भाग 22

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फार्महाउस की बालकनी से रणविजय हर एक पल मीरा को देख रहा था। उसकी नज़रें जैसे मीरा पर ही थम गई थीं, मानो अगर उसने एक बार भी नज़र फेर ली तो सपना टूट जाएगा और मीरा फिर से उसकी ज़िन्दगी से चली जाएगी। वो एकटक उसे देखता रहा, जैसे कोई अपना बिछड़ा हुआ हिस्सा देख रहा हो।तभी पीछे से एक मासूम सी आवाज़ आई, "आप... आप रणविजय सिंह राठौड़ हैं?"रणविजय ने धीरे से मुड़कर देखा, सामने मीरा का भाई शिवा खड़ा था। उसकी शक्ल हूबहू मीरा जैसी मासूमियत लिए हुए थी। रणविजय ने उसके सवाल पर हल्के में सिर