तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 21

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गुलाब के साए में , बारिश की फुहारें अब भी तेज़ थीं, लेकिन समीरा ने खुद को किसी तरह संभाला। उसके दिल की धड़कनें बेतहाशा तेज़ हो रही थीं। उसने बिना कुछ कहे अपना बैग संभाला और दुकान से बाहर निकलने लगी।" रुको," दानिश की आवाज़ फिर आई।वह ठिठक गई, मगर खुद को ज़बरदस्ती आगे बढ़ाने की कोशिश करने लगी।"बारिश बहुत तेज़ हो रही है," दानिश ने आगे कहा। "मैं तुम्हें कॉलेज छोड़ सकता हूँ।"समीरा ने मुड़कर उसे देखा। उसकी बाइक दुकान के बाहर खड़ी थी, सीट पर हल्की बूँदें जमी हुई थीं। वह झिझकी, मगर फिर खुद को सख्त करते