आदर्श व्यक्तित्व

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जन्म एवं शिक्षा----युग मे समाज समय काल कि गति के अनुसार चलती रहती है पीछे मुड़ कर नहीं देखती है और नित्य निरंतर चलती जाती है साथ ही साथ अपने अतीत के प्रमाण प्रसंग परिणाम क़ो व्यख्या निष्कर्ष एवं प्रेरणा हेतु छोड़ती जाती है!विशेषता यह है समय काल गति कि प्रत्येक पल प्रहर परिवर्तन के साथ चलती है जो कभी सुखद तो कभी दुःखद अनुभूति के जीवन स्वाद के रुप मे अविस्मरणीय हो जाते है!काल समय निर्मम होता है उसे किसी के साथ रहने न रहने का प्रभाव नहीं पड़ता है वह किसी क़ो अपने साथ स्थाई रूप से नहीं