चेतावनी:इस कहानी में अंधविश्वास के भयावह और अंधेरे रूपों को दर्शाया गया है, जो कुछ पाठकों के लिए मानसिक रूप से विचलित करने वाला हो सकता है। यदि आप संवेदनशील हृदय वाले हैं, तो कृपया सावधानीपूर्वक आगे पढ़ें। मेरा उद्देश्य किसी को डराना नहीं है, बल्कि समाज में फैले अंधविश्वास की क्रूर सच्चाई को उजागर करना है।घने जंगलों के बीच बसा था सर्पपुर — नाम ही जैसे साँप की फुफकार हो। यह गाँव हर नक़्शे पर मौजूद था, बस सरकार के लिए नहीं। यहाँ न सड़कें थीं, न अस्पताल। लेकिन एक चीज़ हवा में घुली हुई थी — अंधविश्वास।सर्पपुर का