पुस्तक समीक्षा - श्री हनुमंत प्रकाश- सुंदर काण्ड का नवोन्मेषी स्वरूप ****************** लोक कल्याण की भावना और उद्देश्य से प्रस्तुत पुस्तिका का एक मात्र उद्देश्य श्री बजरंग बली जी महाराज से जन-जन के कल्याण हेतु निवेदन करना है।जिसे पुस्तिका के लेखक विजय प्रताप शाही 'विजय' ने खुले मन से स्वीकार किया है। लेखक की भावनाओं को महसूस किया जाय तो ऐसा लगता है कि उनका उद्देश्य पवित्र, सात्विक और सोद्देश्य पूर्ण होने के साथ सर्व जनकल्याण के लिए कुछ करने की प्रबल इच्छा शक्ति का द्योतक है। हालांकि आज ऐसी सोच और जन-जन के कल्याण की सोच रखने वालों