कुछ लोग होते हैं जो दुनिया को सिर्फ देख नहीं पाते, महसूस करते हैं। जैसे हर मुस्कान के पीछे की हल्की सी थरथराहट, हर खामोशी में छुपी हुई चीख… और हर "मैं ठीक हूँ" के नीचे दबी हुई तन्हाई। ये कहानी ऐसे ही एक लड़के की है—शांत, गहरा, और हर किसी की नज़रों में एक रहस्य… लेकिन खुद की नज़रों में बस एक अधूरा सवाल।वो ज़्यादा सोचता था। इतना कि कभी-कभी खुद ही थक जाता था अपने ही ख्यालों से। लोग कहते, "यार थोड़ा कम सोचा कर, सब ठीक हो जाएगा।" लेकिन उन्हें क्या पता था कि उसके लिए सोचना