Dastane - ishq - 2

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दुसरी तरफ सोफे मे बैठे हुए इंसान ने बंदूक पकडी़ और उस लड़के पर तान दी ।हाथ मे गन पकडा़ आदमी टेडा़ हसँकर बोला : " क्या हुआ डर लग रहा है ? अपनी मौत को देखकर ?" वो आदमी उस लड़के को डराते हुए बोला ।लड़के की आँखें अंगारो सी  लाल थी । वो रोना चाहता था पर उसे बीती बाते याद आई ।" अगर ऐसे ही रोएगा , तो मजबूत कैसे बनेगा ? , काटो से ही चलकर मंजिल मिलती है , जितना दर्द तू सहेगा , उतना मजबूत तू बनेगा , इसलिए ये बच्चों की तरहा रोना