दोस्त से कैसा पर्दा

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वाजिद हुसैन सिद्दीक़ी की कहानीनवाबों की गली नवाबों के लिए जानी जाती थी। वक्त की तरह लगातार बनते- बिगड़ते नवाबों की यहां भरमार थी। इन नवाबों में एक मशहूर नवाब थे, नाम था, खलील खां। ज़मींदारी निकल जाने के बाद इनके वंशजों के पास एक इंच भी ज़मीन नहीं बची पर इनके अजीबोगरीब किस्से बचे हैं, ज़्यादातर उदास कर देने वाले, डरावने और हंसाने वाले...। आज भी यहां एक कहावत मशहूर है, 'वह ज़माने गए जब ख़लील ख़ां फाख़्ता मारते थे।' -नर्गिस पहली लड़की थी जो  उनकी ज़िंदगी में आई थी। उस समय वह सोलह बरस के थे और नर्गिस उनसे