साठ का दशक शुरू होते- होते फ़िल्मों में विश्वजीत, जॉय मुखर्जी, शम्मी कपूर आदि भी अपनी जगह बनाते हुए दिखे किन्तु टॉप पर अपनी मंज़िल ढूंढने का दम- खम जिन नायकों में दिखाई दिया वो मुख्य रूप से राजेन्द्र कुमार, सुनील दत्त और मनोज कुमार थे।ये गीत- संगीत भरी मादक मनोरंजक फ़िल्मों का ज़माना था। इसी मधुरता के चलते इसे फ़िल्मों का स्वर्ण युग भी कहा जा रहा था।राजेन्द्र कुमार ने एक के बाद एक हिट फ़िल्मों की झड़ी लगा दी। उनकी अभिनीत फ़िल्मों का आलम ये था कि उन्हें "जुबली कुमार" की संज्ञा दी जा रही थी।सातवें दशक की