धीरे-धीरे दिन गुजरने लगे अचानक एक दिन खबर आई कि दिल का दौरा पड़ने से उसकी बुआ जी की मौत हो गई यह सुनकर तो निशा के जैसे पैरों तले जमीन खिसक गई ,जब उसने रोते-रोते विजय को यह खबर सुनाई तो विजय ने उसे तसल्ली दी और हिम्मत बंधाई ,तब निशा ने रोते हुए थे कहा विजय मैं अपनी बुआ का आखिरी बार मुंह देखना चाहती हूं उसके अंतिम संस्कार में जाना चाहती हूं आप भी मेरे साथ चलिए,,,,यह सुनकर विजय ने कहा निशा मैं यहां से तुम्हें एक गाड़ी में भेज दूंगा तुम तो जानती हो ना मुझे