इंतेक़ाम - भाग 8

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आज निशा की शादी थी  बुआ जी बढ़-चढ़कर शादी की तैयारियों में लगी हुई थी वह नहीं चाहती थी कि कोई भी कमी रहे,निशा की शादी में  मेहमान आ चुके थे तभी निशा की दादी आई उसे अकेले देखकर निशा और उसकी बुआ हैरान रह गए,तब निशा की दादी निशा के पास आई और उसके गले लगाकर बोली बेटा चाहे किसी को एहसास हो या ना हो लेकिन मुझे अपनी गलती का एहसास है हो सके तो अपनी दादी को माफ कर देना,,,,यह कहकर वह फूट-फूट कर रो पड़ी और बोली बेटी मैंने तुम्हारे साथ हमेशा बहुत गलत किया है