पुस्तक समीक्षा - यमराज मेरा यार (हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह)

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वैसे तो किसी भी पुस्तक की समीक्षा लिख पाना मेरे लिए अत्यंत दुष्कर कार्य है, फिर भी एक असफल प्रयास अवश्य ही करने की कोशिश कर रही हूँ। सुधीर श्रीवास्तव कृत "यमराज मेरा यार" हास्य व्यंग्य काव्य संग्रह को पढ़कर जो महसूस किया वह बहुत सुंदर , हास्य व्यंग्य से परिपूर्ण, मन को आह्लादित करने वाली और हृदय को प्रभावित करने वाली प्रतीत हुई।  पुस्तक का आवरण पृष्ठ विशाल पर्वतों के तल अर्थात् नीचे लाल दहकते लावे के बीच भैंसे पर सवार यमराज का चित्र अंकित है, जिन्होंने अपने एक हाथ में गदा पकड़ी हुई है और एक हाथ में