अब इधर नीलिमा की आँखें खुलीं। उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी ने उसके पैर पर हल्की गुदगुदी की हो। शायद इसी वजह से उसकी नींद टूट गई थी।थोड़ी ही देर बाद, उसे किसी के चलने की आहट सुनाई दी। वो आवाज पहले धीमी थी, फिर धीरे-धीरे तेज होती गई। नीलिमा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने हिम्मत जुटाई और धीरे से आकाश को आवाज दी, "आकाश..." लेकिन आकाश इतनी गहरी नींद में था कि उसे कुछ सुनाई ही नहीं दिया।नीलिमा ने अपने डर को काबू किया और धीरे से दूसरी ओर देखने लगी। उसकी नज़र दरवाज़े की ओर