Love and Cross - 3

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अध्याय 9: तू गया, पर मैं कभी रुका नहींतू चला गया — बिना कोई शक,बिना कोई शोर।और मैं वहीं खड़ा रहा कुछ वक़्त,जैसे कोई अधूरी किताबआखिरी पन्ने के इंतज़ार में खुली रह जाए।1. जाने वालों को रोका नहीं जातामैंने तुझे रोका नहीं।क्योंकि जो जाना चाहता है,उसे रोकने से वो रुकता नहीं —बस और दूर चला जाता है।और मैं तुझसे दूरी नहीं चाहता था,मैं सिर्फ़ तेरी ख़ामोशी को पहचानना चाहता था।2. बिन बताए गए अलविदातेरा जाना कोई धमाका नहीं था,वो तो एक धीरे-धीरे बुझता दिया थाजिसे मैं रोज़ हवा से बचाता रहाजबकि तू खुद ही दूर होता गया।अब मुझे याद नहींतेरी