मेरा रक्षक - भाग 16

  • 894
  • 447

शाम के चार बजे थे। सूरज ढलने को था, और आसमान में हल्की सुनहरी सी रोशनी फैली हुई थी। शहर की भीड़भाड़ से दूर एक शांत कैफ़े — “Café Breezy” — जहां अक्सर कम ही लोग आते थे। Meera आज बहुत थकी हुई, टूटी हुई और अंदर से खाली महसूस कर रही थी। कई हफ़्तों से उदास थी, किसी से बात करने का मन नहीं होता था, लेकिन उसकी दोस्त Rozy ने उसे समझाया, “चल ना, थोड़ा बाहर निकल। Café चलते हैं, तेरा मन हल्का हो जाएगा।”दोनों कैफ़े के कोने वाली टेबल पर बैठ गईं। Rozy कुछ funny बातें करने