तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 18

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सानियाल हवेली का हंगामेदार डिनररात का समय था, और सानियाल हवेली के विशाल डायनिंग हॉल में डिनर की तैयारी हो रही थी। सानियाल और पोद्दार परिवार के सभी सदस्य बड़े डाइनिंग टेबल पर एक साथ बैठे थे। खाने की सुगंध पूरे हॉल में फैल रही थी। नौकर बड़े अदब से गर्मागर्म रोटियां परोस रहे थे। माहौल हल्का-फुल्का और खुशनुमा था, लेकिन जैसे ही नौकर ने दानिश के पास आकर कहा—"सर, कुछ दिन बाद बड़े साहब की बरसी है, उसकी तैयारी कैसी करें?"पूरा हॉल एक पल के लिए शांत हो गया। दानिश ने अभी कुछ कहा भी नहीं था कि त्रिशा