दिल की धड़कनें क्यों बढ़ जाती हैं?हर बार जब हर्षवर्धन उसके करीब आता, संजना का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगता। उसकी सांसें जैसे अचानक तेज़ हो जातीं, और अंदर अजीब-सा कंपन दौड़ जाता, जैसे कोई अदृश्य ताकत उसे खींच रही हो। क्या यह डर था? या फिर… कुछ और?संजना खुद से यह सवाल पूछने लगी।हर्षवर्धन की मौजूदगी में एक अजीब सा आकर्षण था। वह जितना करीब आता, उतना ही उसकी बेचैनी बढ़ जाती। उसकी गहरी, काली आँखें जैसे कोई रहस्य समेटे हुए हों। उसकी सधी हुई आवाज़, जो हर बार संजना को जकड़ लेती थी। और उसका स्पर्श… जो न