सर्व विदित हैं स्वस्थ शरीर ही सुख सवृद्धि एवं पराक्रम पुरुषार्थ योग भोग का माध्यम है.शरीर काया ईश्वरीय संरचना है जिसे यदि वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाय तो यांत्रिक संरचना कहना अनुचित नहीं होगा. जो आंतरिक एवं वाह्य अंगों का समन्वय सामंजस्य है. जिसमें प्राणि कि प्राण वायु प्रवाहित होती है शारीरिक क्रिया कलाप को तंत्रों के रूप में वर्गीकृत किया गया है जो निम्नानुसार है--1- श्वसन तंत्र 2- तंत्रिका तंत्र 3- पाचन तंत्र 4- उत्सर्जन तंत्र 5- प्रजनन तंत्र आदि सारे के सारे तंत्र अंगों द्वारा संचालित होते है श्वास तंत्र फेफड़े से सम्बंधित है तो तंत्रिका तंत्र मस्तिष्क एव